बाजू पुरे नहीं है ताली नहीं बजा सकती है लेकिन कारनामा ऐसा है की लोग ताली बजाते है 

शीतल देवी का जन्म 10 जनवरी 2007 को जम्मू कश्मीर के किश्तवाड़ में हुआ था 

जन्म से ही एक बिमारी के चलते उनके हाथ पूरी तरह से विकसित नहीं हो पाए थे 

बाद में उन्हें आर्टिफीसियल हाथ भी लगाए गए जो सफल नही हो पाये थे जिसके बाद उन्होंने अपने पाँव को ही अपना हाथ बना लिया और इतिहास रच दिया 

शीतल देवी खेल के साथ-साथ पढ़ाई में भी काफी होनहार है.2022 में शीतल कुमारी ने अपने 10वी तक की पढ़ाई पूरी की और वो अभी भी अपनी पढ़ाई जारी रखे हुए है. 

शीतल देवी एक गरीब परिवार से आती है उनके पिता एक किसान है

2019 में इंडियन आर्मी ने उनकी प्रतिभा को देखते हुए उन्हें कोचिंग देने का निर्णय लिया

जुलाई 2023 में चेक गणराज्य अपनी प्रतिभा और कड़ी मेहनत के दम पर शीतल देवी ने डेब्यू किया

शीतल देवी ने 2023 में चीन में आयोजित पैरालंपिक में अपने दम पे 2 गोल्ड मैडल जीता 

शीतल देवी को 2023 में राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू द्वारा अर्जुन अवार्ड से सम्मानित किया गया