8th Pay Commision Latest News:-सरकार ने 8वें वेतन आयोग के गठन को मंजूरी दे दी है! सूचना और प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने 16 जनवरी को बताया कि जल्द ही आयोग के अध्यक्ष और दो सदस्यों की नियुक्ति भी की जाएगी, ताकि 7वें वेतन आयोग का कार्यकाल खत्म होने से पहले नए वेतन आयोग की सिफारिशें मिल जाएं. अभी पक्का तो नहीं बता सकते कि 8वें वेतन आयोग की सिफारिशों के बाद आपकी सैलरी कितनी बढ़ेगी, लेकिन पिछले वेतन आयोगों की सिफारिशों के आधार पर एक अनुमान जरूर लगा सकते हैं.
तो चलिए, आज हम बात करेंगे कि देश में वेतन आयोग कब से गठित हो रहे हैं, वे किस आधार पर सैलरी इंक्रीमेंट का प्रस्ताव सुझाते हैं, 8वां वेतन आयोग कब लागू हो सकता है, और इसकी सिफारिशें लागू होने के बाद मिनिमम, मैक्सिमम पे और पेंशन में कितनी वृद्धि हो सकती है.

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वेतन आयोग क्या है और यह क्यों महत्वपूर्ण है?
वेतन आयोग एक ऐसा आयोग है जो केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए वेतन संरचनाओं की सिफारिश करता है. कई राज्य सरकारें भी इन सिफारिशों को लागू करती हैं. न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, इस समय देश में 49 लाख से ज्यादा सरकारी कर्मचारी और 65 लाख पेंशनर हैं. यानी कुल 1 करोड़ से ज्यादा मौजूदा और रिटायर्ड केंद्रीय कर्मचारियों को इसका फायदा मिलेगा.
इसके अलावा, 29 राज्यों में करीब 1.4 करोड़ सरकारी कर्मचारी कार्यरत हैं, जो इस सैलरी एडवांसमेंट के लिए योग्य हैं. वेतन आयोग की सिफारिशों के बाद सरकारी कर्मचारियों की मिनिमम और मैक्सिमम सैलरी, डीए (महंगाई भत्ता) और अन्य अलाउंस में भी इंक्रीमेंट देखने को मिलेगा. साथ ही, जो लोग रिटायर्ड हैं, उनकी पेंशन में भी इजाफा होगा.
8th Pay Commision Latest News:-भारत में वेतन आयोगों का संक्षिप्त इतिहास
1947 के बाद से अब तक कुल सात वेतन आयोग गठित हो चुके हैं। पहला वेतन आयोग 1947 में बना था.
- इसने मिनिमम सैलरी ₹35 तय की थी.
- सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें 1 जनवरी 2016 को लागू हुई थीं.
- इसमें मिनिमम सैलरी ₹18,000 तय की गई थी.
हर वेतन आयोग केंद्र और राज्य सरकारों और अन्य हितधारकों के साथ मिलकर सलाह-मशवरा करता है. उसके बाद सरकारी कर्मचारियों की सैलरी, उन्हें मिलने वाले बेनिफिट और अलाउंस पर सुझाव देता है. इन सुझावों को सरकारी संस्थान लागू करते हैं.

8th Pay Commssion के बाद वेतन आयोग की सिफारिशों का आर्थिक प्रभाव
8वें वेतन आयोग का गठन ऐसे समय में हुआ है, जब देश की अर्थव्यवस्था में बदलाव हो रहे हैं. बढ़ी हुई सैलरी से उपभोक्ता खर्च को बढ़ावा मिल सकता है और सरकारी कर्मचारियों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार हो सकता है. यह आयोग महंगाई को ध्यान में रखते हुए सरकारी कर्मचारियों को मिलने वाले डीए और डियरनेस रिलीफ (डीआर) को बढ़ाने का फार्मूला भी सुझाता है.
8th Pay Commision में फिटमेंट फैक्टर को समझना: सैलरी में बढ़ोतरी का राज
फिटमेंट फैक्टर वह प्रमुख तत्व है जो यह निर्धारित करता है कि सैलरी, डीए और एचआरए में कितनी वृद्धि होगी.
मान लीजिए कि फिटमेंट फैक्टर 2.5 रखा गया है, तो नई सिफारिश लागू होने के बाद अगर किसी एंप्लॉई की मिनिमम सैलरी ₹18,000 है, तो उसकी नई सैलरी ढाई गुना बढ़कर ₹45,000 हो जाएगी. 8वें वेतन आयोग के लिए यह फैक्टर कितना होगा, यह तो सिफारिशों के बाद ही पता चलेगा.

8th Pay Commision से पहले पिछली वेतन आयोगों से क्या सबक ले रही है सरकार ?
छठवां वेतन आयोग काफी चर्चित रहा था, क्योंकि इसके लागू होने के बाद सरकारी कर्मचारियों की मिनिमम सैलरी में जबरदस्त वृद्धि हुई थी. पहले आयोग ने 1.74 फिटमेंट फैक्टर की सिफारिश की थी, लेकिन बाद में इसे बढ़ाकर 1.86 कर दिया गया. पांचवें वेतन आयोग में मिनिमम सैलरी ₹2,550 थी, और छठे वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होने के बाद यही मिनिमम सैलरी बढ़कर सीधे ₹7,730 हो गई.
जनवरी 2016 में छठवां पे कमीशन का कार्यकाल पूरा हुआ, और 1 जनवरी 2016 से सातवें पे कमीशन की शर्तें लागू हो गईं. उस समय कर्मचारी यूनियन चाहते थे कि फिटमेंट फैक्टर 3.68 रखा जाए, लेकिन सरकार ने इसे 2.57 पर सेट किया. इसके बाद सरकारी कर्मचारियों की ओवरऑल सैलरी 23 से 25 फीसदी तक बढ़ गई. मिनिमम सैलरी ₹7,000 से बढ़कर ₹18,000 हो गई, और मैक्सिमम सैलरी ₹80,000 से बढ़कर ₹2.5 लाख हो गई.
7वें वेतन आयोग ने पेंशन के नियम भी तय किए. मिनिमम पेंशन ₹9,000 से कम नहीं होगी, और मैक्सिमम सैलरी के 50 फीसदी से ज्यादा नहीं हो सकती है. इस तरीके से ₹18,000 के मिनिमम पे के हिसाब से पेंशन बढ़कर ₹9,000 हो गई, और मैक्सिमम सैलरी यानी ₹2.5 लाख के हिसाब से मैक्सिमम पेंशन की रकम ₹1,25,000 हो गई.
8th Pay Commision Latest News उम्मीदें और संभावित परिदृश्य
31 दिसंबर 2025 को सातवें आयोग का कार्यकाल पूरा हो रहा है. हालांकि, सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों में यह कहीं भी नहीं लिखा है कि उसका कार्यकाल 31 दिसंबर 2025 को पूरा हो जाएगा, लेकिन पिछले ट्रेंड्स को देखकर ही अंदाजा लगाया जा रहा है कि इसका कार्यकाल भी 10 सालों का होगा. सरकार ने 16 जनवरी 2025 को यानी एक साल पहले ही 8वें वेतन आयोग के गठन को मंजूरी दे दी है. यह भी नहीं बताया है कि 8वां वित्त आयोग जो सिफारिशें देगा, वह प्रभावी कब से होगा. इसलिए, यह अनुमान लगाया जा रहा है कि 1 जनवरी 2026 से यह सिफारिशें लागू हो जाएंगी.
ज्यादातर मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि 8वां वेतन आयोग फिटमेंट फैक्टर को 2.57 से लेकर 2.85 के बीच में रख सकता है. टीमलीज डिजिटल की सीईओ निधि शर्मा ने बिजनेस स्टूडियो को बताया कि अगर फिटमेंट फैक्टर 2.57 से 2.85 के बीच रहता है, तो सरकारी कर्मचारियों की मिनिमम सैलरी जो अभी ₹18,000 है, वह बढ़कर ₹46,260 से लेकर ₹51,480 तक की रेंज में जा सकती है. मिनिमम सैलरी का मतलब है कि किसी भी सरकारी कर्मचारी की सैलरी इस सीमा से कम नहीं हो सकती.
8th Pay Commision मैट्रिक्स को समझना: सरकारी सैलरी कैसे तय होती है?
कर्मचारियों के पद और सीनियरिटी के आधार पर उन्हें लेवल्स में बांटा जाता है, जो लेवल 1 से लेकर लेवल 18 तक जाता है. इसी आधार पर उनकी सैलरी तय होती है. सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के बाद लेवल 1 के कर्मचारी की मिनिमम सैलरी ₹18,000 है, और लेवल 18 के कर्मचारी की मिनिमम सैलरी ₹2.5 लाख तक फिक्स है. फिटमेंट फैक्टर हर पे मैट्रिक्स के लेवल पर लागू होता है. लेवल 1 में एंट्री लेवल के सरकारी कर्मचारी आते हैं, जैसे कि पियून, वॉचमैन या मल्टीटास्किंग स्टाफ. इसी तरह, सबसे हाईएस्ट लेवल यानी लेवल 18 में एपेक्स लेवल के पोजीशन आते हैं, जैसे कि राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, राज्यों के गवर्नर, चीफ जस्टिस आदि.

8 वां वेतन आयोग कब लागू होगा?
केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया है कि अभी इसकी घोसड़ा साल भर पहले कर दी गयी है लेकिन इसको जल्द ही लागू कर दिया जायेगा.
8th Pay Commission में कितनी सैलरी बढ़ सकती है?
यहां कुछ उदाहरण दिए गए हैं कि सिफारिशों के लागू होने के बाद किस लेवल के कर्मचारी की सैलरी या पेंशन कितनी बढ़ सकती है:
- लेवल 1 (एंट्री-लेवल):
- पद: सफाई कर्मचारी
- वर्तमान मिनिमम सैलरी: ₹18,000
- नई सैलरी (फिटमेंट फैक्टर 2.57): ₹46,260
- वृद्धि: ₹28,260
- लेवल 18 (एपेक्स लेवल):
- पद: राष्ट्रपति, गवर्नर आदि
- वर्तमान मिनिमम सैलरी: ₹2.5 लाख (डीए के बिना)
- नई सैलरी (फिटमेंट फैक्टर 2.57): ₹6.425 लाख
- वृद्धि: ₹3.925 लाख
छठवें वेतन मान में पेंशन 14 फीसदी और सातवें में 2.66 फीसदी बढ़ा था. इसलिए, 8वें वेतन आयोग की सिफारिशों में अंदाजा लगाया जा रहा है कि पेंशन 34 फीसदी तक बढ़ सकती है.

अन्य लाभ और भत्ते
ग्रेच्युटी, होम लोन पर ब्याज जैसे अन्य लाभों में भी कर्मचारियों के लेवल के हिसाब से वृद्धि देखने को मिलेगी.
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