crossorigin="anonymous">

Momos side effect :-जाने ये आपको अंदर से कितना बीमार कर रहा है

Photo of author

By Prakhar Agrawal

Share the News

Momos Side Effect:-हमारे भारत देश मे लोगों को चटपटा खाना, चटपटी खबरें और चटपटी बातें बहुत पसंद है. लेकिन अब समोसे और पकोड़े के इस देश में मोमोज ने मानो एक कब्जा सा कर लिया हो. पहले लोग पकोड़े खाते थे समोसे खाते थे बाकी की चीज खाते थे लेकिन अब लोग मोमोज ज्यादा खाने लगे हैं मोमोज की लोकप्रियता काफी ज्यादा बढ़ गई है. लेकिन उसका उतना ही साइड इफेक्ट भी हैं आज के इस आर्टिकल में हम जानेंगे मोमोज खाने के साइड इफेक्ट और कितना यह आपको अंदर से बीमार कर रहा है.

आपके आसपास मोमोज की दुकान होगी जहां आपने कभी ना कभी मोमोस खाया होगा आपने नहीं खाये होंगे तो आपके परिवार में किसी बच्चे या किसी युवा ने जरूर से खाया होगा.यह वो मोमोज है जो हमारे देश के कोने-कोने में लोग बड़े शौक से खा रहे हैं लेकिन क्या आप यह जानते हैं यह मोमोज जितने ही टेस्टी है उतने ही स्वास्थ्य के लिए ख़तरनाक भी है.एक नई रिसर्च में पता चला है कि लगातार मोमोज खाने से आपको कैंसर हो सकता है, आपका ब्लड प्रेशर हाई हो सकता है और आपको डायबिटीज का खतरा भी बढ़ सकता है.

ये जो ब्लॉग है यह अलग अलग स्टडीज, रिपोर्ट्स और रिसर्च पे आधारित है जो पिछले कई दिनों के दौरान हुई है. इन मे भी अमेरिका के यूएस डिपार्मेंट आफ एग्रीकल्चर में प्रकाशित हुई एक रिपोर्ट सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है.इस रिपोर्ट में लिखा है जो मोमोज मैदा से बनता हैं उन्हें लगातार खाने से ब्लड शुगर, हाई ब्लड प्रेशर यहां तक की कैंसर की बीमारियां भी हो सकती है.

Momos कैसे बनता है?

मैदे को रिफांइड फ्लोर भी कहते हैं क्योंकि यह गेहूं का ही एक उत्पाद है लेकिन जब इसे बनाया जाता है तो इससे प्रोटीन और फाइबर की सारी मात्रा निकाल ली जाती है और इस तरह से मैदे की जो प्रकृति है वह एसिडिक हो जाती है. और जब आप मोमोस ज्यादा मात्रा में खाते हैं लगातार खाते हैं जिससे यही मैदा आपके शरीर में जाकर हड्डियों के कैल्शियम को सोखने लगता है और मैदे वाले मोमोज आपको बीमार बनाने लगते हैं.मोमोस मैदा से ही बनते है.

मोमोस बनाने के लिए इस्तेमाल किये जाने वाले केमिकल्स?

मोमोज बनाते समय ऐसे कई केमिकल्स इस्तेमाल होते हैं जो शरीर के लिए जहर का काम करते हैं इनमें जो केमिकल कंपाउंड सबसे खतरनाक माना जाता है उसे मोनोसोडियम ग्लूटमेंट कहते है. यह केमिकल कंपाउंड मोमोज को जल्दी पकाने और उनके स्वाद बढ़ाने के लिए इस्तेमाल होता है लेकिन शरीर में इसकी ज्यादा मात्रा होने से आपका वजन बढ़ता है और यह हृदय से जुड़ी बीमारियों के लिए भी एक बहुत बड़ी वजह है.

हालांकि करीब करीब सभी मोमोज में इसका इस्तेमाल होता है पर अभी कोई भी डाटा या जानकारी उपलब्ध नहीं है. लेकिन इतना जरूर है कुछ दुकानदार इसका इस्तेमाल करते हैं ताकि वह टेस्ट और बेहतर कर सके और इसे और ज्यादा स्वादिष्ट बना सके साथी ही इसे जल्दी पका सके.

इसके अलावा बहुत सारे मोमोज में क्लोरीन गैस और बेंजोयल पराक्साइड जैसे केमिकल इस्तेमाल होते हैं जो ब्लड शुगर का कारण बन सकते हैं.रांची के मेडिकल कॉलेज के मुताबिक बाजार में मिलने वाले जो मोमोज हल्के पीले रंग के नहीं होते तो उन मोमोस मे इनका इस्तेमाल हो सकता है.तो अगर आपको पहचान करनी हो तो आप ऐसे कर सकते हैं.

Veg Momos में इस्तेमाल होने वाली सब्जियां

वेजीटेरियन मोमोज में जो सब्जियां इस्तेमाल होती हैं बहुत सारे मामलों में उन सब्जियों की गुणवत्ता का बिल्कुल ध्यान नहीं रखा जाता और कई बार इनमें सड़ी गली सब्जियों का इस्तेमाल होता है. अगर आप बाजार में किसी दुकान के ऐसे मोमोस खा रहे हैं जो तीन दिन पुराना है तो इसका मतलब यह है कि आप दो-तीन दिन पुरानी सब्जियां भी खा रहे हैं जो आपके लिए बेहद खतरनाक है.

Non-Veg Momos Side Effect

इसके अलावा अगर आप नॉनवेज मोमोज खाते हैं तो यह आपके लिए और भी ज्यादा खतरनाक है. अलग-अलग रिपोर्ट्स के मुताबिक कुछ जगह पर नॉनवेज मोमोज बनाने के लिए मरे हुए जानवर के मीट का इस्तेमाल किया जाता है. साथ ही लंबे समय तक ऐसे मोमोज खाने से आपके पेट की आंत भी खराब हो सकती है.

Momos की केमिकल्स वाली चटनी

मोमोज की चटनी को गहरा लाल रंग देने के लिए कई बार उसमें ऐसे केमिकल्स और फूड कलर्स मिलाए जाते हैं जो हाइपरटेंशन और आपके हार्ट रेट को बढ़ा सकते हैं. आपने देखा होगा जो मोमोस के संग आपको चटनी मिलती है वो अक्सर गहरे लाल रंग की होती है. देखने में चटनी काफी आकर्षक लगती है और दिखने में लगता है कि यह काफी स्वादिष्ट होगी लेकिन चटनी भी आपको काफी बीमार कर सकती है.

फैक्ट्री वाले Momos

इससे भी बड़ी समस्या यह है भारत के ज्यादातर शहर में जो मोमोज बेचे जा रहे हैं उनमें से ज्यादातर ऐसे हैं जो कपड़ों की तरह बड़ी-बड़ी फैक्ट्री में बनते हैं और इन फैक्ट्री से बनकर रेहड़ी और पटरी पर बनी दुकानों के पास पहुंचते हैं दुकानों पर फिर से सकड़ों लोग इन मोमोज को खाने के लिए आते हैं यानी कि मोमोज की बड़ी-बड़ी फैक्ट्रियां हैं.

उत्तर भारत में जो इस समय पांच टॉप स्ट्रीट फूड है मैं सबसे ऊपर समोसा और कचौड़ी है दूसरे नंबर पर गोलगप्पे हैं तीसरे नंबर पर मोमोज है चौथे नंबर पर छोले भटूरे और पांचवें नंबर पर चाइनीस फूड आइटम है.तो जब भी मोमोस खाए इन बातों का जरूर से ध्यान दे.

यह भी पढ़े:-

पैरों की सूजन को कम करने के लिए घरेलु उपाय

Kashi Darshan Bus:-वाराणसी में शुरू की गयी काशी दर्शन बस सेवा

Leave a Comment