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Article 370 movie Review:-जबरजस्त फिल्म

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By Surender Kataria

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Article 370 movie Review:- कुछ लोग इस फिल्म को रियल रियलिटी बोल रहे हैं तो कुछ लोग इस फिल्म को प्रोपेगेंडा. एक तरफ से इसमें एक रियलिटी बेस्ड स्टोरी है.फिल्म शुरू होने से पहले जो डिस्क्लेमर आता है उसमें साफ-साफ लिखा गया है यह फिल्म रियल लाइफ स्टोरी से इंस्पायर्ड तो है लेकिन नाटकीय तौर पर इसको शूट किया गया है.यानि की सच्ची घटनाओं से प्रेरित है.

इस फिल्म ने वाकई लोगों के दिलों पर छाप छोड़ी है या फिर यह एक प्रोपेगेंडा फिल्म है. क्या वाकई में इस फिल्म में हमको कुछ चीज देखने को मिलेगी जो हम नहीं जानते हैं सारे प्रश्न का जवाब आपको हमारे इस आर्टिकल में मिल जाएगा.

Article 370 movie Review

इस फिल्म में वाकई आपको वह चीज देखने को मिलेगी जिसे आपको पता चलेगा की धारा 370 को हटाने के पीछे का फैसला कैसे लिया गया था.प्रोडूसर आदित्य धर की ये फिल्म बिलकुल उनकी पिछली फिल्मो की तरह बनी है जिसमे उनकी खुद की निर्देशित की की हुई फिल्म उरी सर्जिकल स्ट्राइक है.आर्टिकल 370 सरकार के उस ऐतिहासिक फैसले को ग्राउंड पर लागू करने वाले लोगों उस फैसले के पीछे की प्लानिंग, प्लॉटिंग बिना किसी को कानों कान खबर हुए कामयाबी तक लेकर जाने की कहानी को सेलिब्रेट करता है.

जैसे सर्जिकल स्ट्राइक खबरों में बहुत पॉपुलर थी मगर हुई कैसे किस तरह से यह हुई किसी को नहीं पता था. वैसे ही ये फ़िल्म भी है बहुत लोगों को अभी भी नहीं मालूम था की आर्टिकल 370 क्या है और कैसे इसको लागू किया गया था.यामी गौतम की इस फ़िल्म को डायरेक्टर आदित्य जंभाले ने चैप्टर वाले स्टाइल मे दिखाया है जैसा आदित्य धर ने उरी द सर्जिकल स्ट्राइक मे दिखाया था.

कहानी कश्मीर के बुरहान वानी वाले एपिसोड से शुरू होती हैं और पुलवामा वाले हमलों से होते हुए आगे बढ़ती हैं. आखिरकार वहां पहुंचते हैं जहां भारत सरकार का एक फैसला कश्मीर की तकदीर बदलने के लिए तैयार है.

आर्टिकल 370 शुरू होती है जुनी हक्सार यानी यानी गौतम के एक मिशन से जिसमें उनके मिशन में बुरहान वानी है. जूनी का ऑपरेशन कश्मीर में बवाल खड़ा कर देता है. इसके बाद उसे दिल्ली बुलाया लिया जाता है. इधर दिल्ली में पीएमओ की हाई रैंक ऑफिसर राजेश्वरी स्वामीनाथन कश्मीर के हालात को लेकर एक्टिव है.

फ़िल्म मे प्रधानमंत्री और गृहमंत्री के नाम तो नहीं लिए गए है मगर दोनों किरदारों को देख कर ही समझ जाएंगे की यह कौन है. राजेश्वरी अपने प्लान को आगे बढ़ाने के लिए जूली को वापस कश्मीर भेजती हैं लेकिन इस बार नयी पावर के साथ. इस बार ज़ब नयी पावर के साथ जुली को मिशन दिया गया है की कश्मीर मे एंटी इंडिया गतिविधियों और लोगों को काबू करना ताकि इधर सरकार अपने फैसले बिना किसी की चिंता के ले सके.

फ़िल्म के एकदम शुरुआत मे ही यह साफ हो जाता है की जुली इस तरह के काम में किसी भी तरह से ढीली नहीं पड़ने वाली है. एक तरफ आपको जुली की नज़र से कश्मीर के हालात, वहां के पॉलिटिक्स और ब्यूरोक्रेसी पे कमेंट्री मिलती है. दूसरी तरफ राजेश्वरी दिल्ली के पॉलिटिक्स का जायका आप तक पहुंचाती है.

सेकंड हाफ मे प्रधानमंत्री और गृहमंत्री के एंट्री के बाद फ़िल्म का माहौल ही बदल जाता है ऐसा लगता है की सारा फोकस अब उन पर ही गया है लेकिन ये तो होना ही था आखिर वो किरदार ही ऐसे है.

भारत के गृहमंत्री अमित शाह के पार्लियामेंट भाषण को जिस तरह से दिखाया गया है “कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है “वो वाला जो सीन है वो एक काफी असरदार सीन है. किरण करमारकर ने अपने किरदार मे वाकई मे जान फूकने का काम किया है. इसी तरह अरुण गोविल ने प्रधानमंत्री के किरदार को बहुत ही संजीदगी के साथ निभाया है.

इस फ़िल्म मे पोलिटिकल ड्रामा के साथ साथ पुलवामा अटैक, कश्मीर मे चलते पथराव ओर आतंकवादी इरादों के बारे मे भी बताया जा रहा है की कैसे उनको पैसा देके पथराव वगैरह करवाया जाता था. कैसे संविधान के पन्नों से छेड़खानी की गयी थी और आर्टिकल 370 कैसे और किस बुनियाद से कश्मीर से हटाया गया था. वो डिटेल में आपको देखने को मिलेगा.

Yami Gautam In Article 370

यामी गौतम ने अपना रोल बहुत ही सिद्धत से निभाया है. जिस तरह से यामी ने कुछ जगह लम्बा डायलॉग बोला है, जिस तरह से इन्होने एक्शन सीन किया है वो वाकई काबिले तारीफ़ है. एक तरह से कह सकते है यामी ने इस फ़िल्म मे अपना अब तक का सबसे बढ़िया जबरदस्त काम किया है.

Priyamani in Article 370

पीएमओ की हाई रैंक ऑफिसर राजेश्वरी के रोल मे प्रियामणि भी बहुत ज्यादा दमदार लगती है. वही राज अर्जुन और वैभव तत्वावादी की परफॉरमेंस भी याद करने वाली है.

Article 370 Duration

फिल्म थोड़ी डिटेल मे दिखाई गयी है जिससे आपको लगेगा की फिल्म थोड़ी लंबी खिंची जा रही है पर जिस बात को डिटेल मे दिखाया जाता है उसमे थोड़ा सा टाइम तो लगता है.वैसे फ़िल्म है 2 घंटे 40 minute की जिसका पहला हाफ स्टोरी बनाया रहा है वही सेकंड हाफ बहुत ही अच्छे से स्टोरी को पूरा करता है भरपूर एक्शन के साथ.

Article 370 Background

आर्टिकल 370 की पूरी कहानी को एक बैकग्राउंड स्कोर से काफी मदद मिली है. सिनेमाटोग्राफी, साउंड और प्रोडक्शन के मामले मे ये तकनिकी तौर पे काफी जबरदस्त फ़िल्म है और बहुत असरदार तरीके से अपने कहानी को आगे बढाती है.

Conclusion

फ़िल्म की खासियत यह है कि यह अपने टॉपिक पर बनी रहती है भड़काने की कोशिश कहीं से भी नहीं करती. इसका म्यूजिक बहुत बढ़िया है इस फिल्म के एक्टर्स की एक्टिंग परफॉर्मेंस बहुत ही लाजवाब है. हां यह है की फिल्म थोड़ी सी आपको स्लो फील होगी.वैसे अगर देखा जाए तो आजकल विवादित फ़िल्म लोगों को काफी पसंद आ रही है आगे देखना होगा की इस फ़िल्म मे लोगों का क्या प्रतिक्रिया होती है.

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