आपने Byjus का नाम जरुर सुना होगा, वही Byjus जिसकी शिक्षा जगत में क्रांति की तरह पब्लिसिटी की गई थी. Byjus ने बच्चों का पढ़ने का तरीका ही बदल कर रख दिया था. एक छोटे से कोचिंग सेंटर से देश की पहली और सबसे बड़ी EdTech कंपनी बायजूस मे देश मे कोचिंग का मतलब ही बदल दिया.
एक्सपर्ट टीचर, हाईटेक क्लासरूम, बेहतरीन एप बायजूस को देश में डिजिटल शिक्षा क्रांति का सबसे बड़ा ब्रांड ऐम्बैसडर कहां जाने लगा. लेकिन फिर अचानक से बायजूस का बुरा वक्त शुरू हो गया. अब हाल यह है कि ईडी ने ब्यूरो आफ इमीग्रेशन से लुक आउट नोटिस जारी करने के लिए कहा है.यानी ईडी चाहती है कि रविंद्रन देश छोड़कर ना भागने पाए.
लेकिन आखिर ऐसा क्या हुआ की एक कोचिंग क्लास से हजारों करोड़ों रुपए की कंपनी बनाने वाले Byjus के मालिक रविंद्रन को देश की जांच एजेंसियां ढूंढ रही है. वैसे बायजूस के बुरे वक्त काफी लंबे समय से चल रहे हैं. यहां तक की बायजूस कंपनी दिवालिया होने के कगार तक पहुंच चुकी है.
लेकिन ऐसा क्यों हुआ Byjus की फर्श से अर्श तक और अर्श से फर्श तक जाने की पूरी कहानी आज इस आर्टिकल मे जानेंगे.
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देश की जांच एजेंसियां आखिर Byjus के मालिक रविंद्रन को क्यों ढूंढ रही है?
दरअसल ईडी ने BYJUS की पैरंट कंपनी Think & Learn Private Limited और उसके मालिक रविंद्रन पर नवंबर 2023 में FEMA यानी Foreign Exchange Management Act के तहत मामला दर्ज किया था. यह मामला करीब 9362 करोड़ का है, आरोप है कि बायजूस की पैरंट कंपनी ने यह पैसा भारत के बाहर भेजा और विदेशों में निवेश किया. इससे केंद्र सरकार को राजस्व का घाटा हुआ था.
Byjus के साथ 2 बड़ी चीज़ें
पिछले कुछ वक्त में बायजूस के साथ दो और बड़ी चीज़े हुई. पहली ये की भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड यानी BCCI ने कंपनी के खिलाफ दिवालिया कार्रवाई शुरू की हुई है.बायजूस पे BCCI की स्पॉन्सरशिप कॉन्ट्रैक्ट मे ₹ 158 करोड़ की पेमेंट मे चूक का आरोप है.
और दूसरी ये बायजूस का वैल्यूएशन पिछले डेढ़ वर्ष मे 86% घटा है. वर्ष 2022 में कंपनी की प्रॉपर्टी 30600 करोड़ थी जो अब 833 करोड़ रह गई है. अब बायजूस की हालत ऐसी हो चुकी है को उसके पास कर्मचारियों को सैलरी देने के पैसे नहीं है.
Byjus के कर्मचारियों की सैलरी
एक तरफ Byjus के कर्मचारियों की सैलरी अटकी हुई है दूसरी तरफ कंपनी पर कर्ज बढ़ता चला जा रहा है. बायजूस के डाउनफॉल की सबसे बड़ी वजह यही है. जिसे बायजूस के मालिक लगातार लोन लेकर पूरा कर रहे थे. लेकिन फिर हालात यह हो गयी कि लोन की किस्त चुकाने के भी पैसे नहीं रह गए थे और इसकी गाज बायजूस के कर्मचारियों पर गिरी. जिन्हें कई महीनो से सैलरी तक नहीं मिली है.
कर्मचारियों के साथ साथ अभिभावक जिन्होंने पैसे दे दिए थे अपने बच्चों के फीस के लिए उनका भी पैसा बायजूस नहीं दे रहा है और अगर दे भी रहा है तो आधा अधूरा दे रहा है.
Byjus Success Story
Byjus की सफलता की शुरुआत केरल से हुई थी जहाँ कोझिकोड नाम के कस्बे मे रविंद्रन और सौभन्वाल्ली रहते थे इनके बेटे थे बायजू. साल 2003 के पहले तक ना ही बायजू ने ना ही उनके माता पिता ने सोचा था उनका लड़का कभी ट्यूशन पढ़ायेगा. साल 2003 मे बायजू देश लौटे उसके बाद MBA की तैयारी कर रहे अपने 2 दोस्तों को पढ़ाया.
वर्ष 2007 मे बायजू की लोकप्रियता इतनी बढ़ गयी की उन्हें छोटी क्लास की जगह बड़ी क्लास लेनी पड़ गयी. वर्ष 2011 के पहले तक बायजू केवल इंजीनियरिंग या फिर MBA की एंट्रेंस एग्जाम की तैयारी करते थे लेकिन वर्ष 2011 मे बायजू ने अपना एक एप लॉन्च किया जिसका नाम रखा गया think and learn.जिसके जरिये 1 से 12वीं तक के छात्रों को पढ़ाना शुरू किया. बस यहीं से इनकी सफलता का सफर शुरू हुआ और कंपनी को पर लग गए हो.
वर्ष 2017 मे शाहरुख़ खान को कंपनी ने अपना ब्रांड ऐम्बैसडर बनाया. वर्ष 2019 मे कंपनी इंडियन क्रिकेट टीम की जर्सी की ऑफिसियल स्पॉन्सर बानी. वर्ष 2020 मे कंपनी का वैल्यूएशन $10.5 बिलियन था जिसके बाद दुनिया की सबसे बड़ी EDTech स्टार्टअप बन गयी. साल 2021 मे Byjus ने Paytm को पछाड़ा और इसी साल आकाश एजुकेशन को ₹7300 करोड़ मे खरीदा.
किसी भी कंपनी को आगे बढ़ाने के लिए पैसे की जरुरत होती है Byjus ने भी कंपनी को रफ़्तार देने के लिए लोन लिया लेकिन यही सबसे बड़ी चूक बनी जिसकी वजह से कंपनी का ग्राफ धीरे धीरे नीचे आता गया और कंपनी दिवालिया होने के कगार पे पहुंच गयी.
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