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First General Election In India:-देश का पहला आम चुनाव और उससे जुड़े तथ्य

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By Prakhar Agrawal

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First General Election In India:-1947 में ब्रिटिश हुकूमत से आजादी मिलने के बाद पहली बार 1951 -1952 में आम चुनाव हुए थे. यह चुनाव सिर्फ इसलिए अहम् नहीं था की यह एक ऐतिहासिक चुनाव था स्वतंत्र भारत का पहला चुनाव था बल्कि इसलिए भी अहम् था की सारी की दुनिया की निगाह इस पे टिकी हुई थी. आज के इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे भारत में हुए पहले आम चुनाव के बारे में और उससे जुड़े तथ्य.

आम चुनाव से पहले सबके मन में सवाल था कि नया-नया आजाद हुआ भारत क्या लोकतंत्र की इतनी बड़ी प्रक्रिया को सफलतापूर्वक अंजाम दे पाएगा. लोकसभा के साथ-साथ सात राज्यों के विधानसभा के भी चुनाव होने थे.

First General Election In India

देश के पहले मुख्य चुनाव आयुक्त सुकुमार सेन

मुख्य चुनाव आयुक्त सुकुमार सेन के कुशल नेतृत्व में जब चुनाव सफलतापूर्वक संपन्न हुआ तो दुनिया हैरान रह गयी. एक ऐसा देश जहां औसतन हर 10 मे से मुश्किल से दो लोग भी शिक्षित नहीं थे वह सफलतापूर्वक चुनाव कराना मुश्किल काम था.

देश के पहले आम चुनाव में चुनाव आयोग के सामने चुनौतियां

21 साल या उसके ऊपर के सभी महिला पुरुषों को मताधिकार का हक़ था. घर-घर जाकर 17.3 करोड़ वोटरों को पंजीकृत करना ही अपने आप में बेहद चुनौती पूर्ण कार्य था. ऐसी भी महिलाएं थी जो नाम पूछने पर अपना परिचय किसी की पत्नी या किसी की मां के तौर पर ही देती थी. चुनौती से निपटने के लिए चुनाव से पहले चुनाव आयोग की तरफ से बड़े पैमाने पर जन जागरूगता अभियान चलाया गया.

पोलिंग बोर्ड पर पार्टियों का स्वतंत्र उम्मीदवारों के चुनाव चिन्ह वाले अलग-अलग बैलट बॉक्स रखे गए ताकि वोटर अपने मतपत्र को संबंधित वाले बैलट बॉक्स में डाल सके. लोहे की दो करोड़ से ज्यादा बैलट पेटीयां बनाई गई और करीब 62 करोड़ बैलट पेपर छापे गए. उस समय परिवहन के सीमित संसाधन थे ऐसे में पोलिंग बूथ तक बैलट बॉक्स पहुँचाना कितनी बड़ी चुनौतियां रही होगी. आखिरकार इन सभी चुनौतियों से पार पाते हुए सुकुमार सिंह के नेतृत्व में चुनाव आयोग ने देश के पहले ऐतिहासिक आम चुनावों को सफलतापूर्वक संपन्न करा दिया.

पहला आम चुनाव कब हुआ??

पहला आम चुनाव 25 अक्टूबर 1951 से 21 फरवरी 1952 तक करीब 4 महीनों में 68 चरणों में पूरा हुआ.

पहले आम चुनाव मे कितनी लोकसभा सीट् थी?

उस समय लोकसभा की कुल 489 सीट थी लेकिन संसदीय क्षेत्र 401 ही थे. 314 संसदीय क्षेत्र ऐसे थे जहां से सिर्फ एक-एक प्रतिनिधि ही चुने जाने थे वहीं 86 संसदीय क्षेत्र ऐसे थे जहां एक साथ दो लोगों को सांसद चुना जाना था. इनमें से एक सामान्य वर्ग से और दूसरा सांसद एससी एसटी समुदाय वर्ग से चुना जाना था. एक संसदीय क्षेत्र नॉर्थ बंगाल तो ऐसा भी रहा जहां से तीन सांसद तक चुने गए. पहले आम चुनाव में कुल 1874 उम्मीदवारों ने अपना दम दिखाया.

पहले आम चुनाव मे न्यूनतम उम्र??

देश के पहले आम चुनाव में मतदाता के लिए न्यूनतम उम्र 21 वर्ष थी और कुल 36 करोड़ आबादी में करीब 17.3 करोड़ मतदाता थे.

किन-किन पार्टियों ने चुनाव लड़ा देश के पहले आम चुनाव में??

जवाहरलाल नेहरू की अगुवाई में कांग्रेस के अलावा, श्रीपाद अमृत डांगे के नेतृत्व में कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया, श्यामा प्रसाद मुखर्जी का भारतीय जनसंघ जो बाद में बीजेपी बना, आचार्य नरेंद्र देव,जेपी और लोहिया की अगुवाई वाली सोशलिस्ट पार्टी, आचार्य कृपलानी के नेतृत्व में किसान मजदूर प्रजा पार्टी समेत कुल 53 छोटे बड़े दल मैदान में थे.

देश के पहले आम चुनावों मे कितने प्रतिशत लोगों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया?

देश के पहले आम चुनाव में कुल 45.7% लोगों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया.

देश का पहला आम चुनाव किसने जीता और किसको कितनी सीट् आयी??

प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की अगुवाई में कांग्रेस ने इन चुनाव में एक तरफ़ा जीत हासिल की. फूलपुर सीट पर जवाहरलाल नेहरू ने विशाल अंतर से जीत हासिल की.साधारण बहुमत के लिए 245 सीटों की जरूरत थी लेकिन कांग्रेस ने कुल 489 सीटों में से 364 सीटों पर अपना परचम लहराया दूसरे नंबर पर सीपीआई रही इसके खाते में 16 सीट आई. 12 सीटों के साथ सोशलिस्ट पार्टी तीसरे स्थान पर रही, किसान मजदूर प्रजा पार्टी ने 9, हिंदू महासभा ने 4 और भारतीय जन संघ व रेवोलुशनरी सोशलिस्ट पार्टी को 3-3 सीटों पर जीत हासिल हुई.

पहले आम चुनाव में कांग्रेस और दूसरी पार्टी का वोट शेयर कितना रहा??

देश के पहले आम चुनाव में कांग्रेस का वोट शेयर करीब 45% रहा. कांग्रेस के बाद सबसे ज्यादा वोट शेयर निर्दलीयों का रहा दिनेश कल 16% वोट मिले. चुनाव के बाद जवाहरलाल नेहरू के नेतृत्व मे कांग्रेस की प्रचंड बहुमत वाली सरकार बनी.

देश के पहले आम चुनाव में कई दिक्कत हार गए थे

देश के पहले ही आम चुनाव में कई दिग्गजों को हार का मुँह भी देखना पड़ा था. देश के पहले कानून मंत्री डॉ भीमराव अंबेडकर को मुंबई न्यू सेंट्रल सीट पर कभी अपनी सहयोगी रहे नारायण सादोबा कजरोलकर के हाथों शिकस्त झेलनी पड़ी. अंबेडकर के अलावा किसान मजदूर प्रजा पार्टी के कद्दावर नेता आचार्य कृपलानी जी भी चुनाव हार गए थे.

देश के पहले चुनाव में जीते 3 नेता बाद में बने प्रधानमंत्री

पहले चुनाव में जीते 3 नेता बाद में बने प्रधानमंत्री. देश के पहले आम चुनाव के बाद पंडित जवाहरलाल नेहरू प्रधानमंत्री बने उनके अलावा दो ऐसे और भी नेता थे जो आगे चलकर भारत के प्रधानमंत्री बने गुलजारीलाल नंदा और लाल बहादुर शास्त्री.

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