Rameshwaram Mandir Yatra:- क्या आप भी रामेश्वरम में श्री रामनाथ स्वामी ज्योतिर्लिंग के दर्शन की योजना बना रहे हैं? यह विस्तृत गाइड आपके पूरे ट्रिप को आसान बना देगा. यहां आपको पहुंचने का तरीका, ठहरने की जगह, सही दर्शन प्रक्रिया, घूमने के प्रमुख स्थान, खाने की व्यवस्था, सबसे अच्छा मौसम, और बजट जैसी पूरी जानकारी मिलेगी.

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Rameshwaram Mandir क्यों खास है?
रामेश्वरम, तमिलनाडु के रामनाथपुरम जिले में स्थित, चार धामों में एक और भगवान शंकर के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है. यह सुंदर टापू शंख के आकार का है, चारों तरफ से हिंद महासागर और बंगाल की खाड़ी से घिरा है. मान्यता है कि माता सीता और प्रभु श्रीराम ने यहां रेत से शिवलिंग बनाकर पूजन किया था, जिसे आज श्री रामनाथ स्वामी ज्योतिर्लिंग कहा जाता है.वहीं हनुमान जी द्वारा लाए गए दूसरे शिवलिंग का पूजन भी यहाँ किया जाता है, वह पास में विश्वनाथ महादेव के नाम से स्थापित है.
Rameshwaram Mandir तक कैसे पहुंचें?
रामेश्वरम मंदिर बंगाल की खाड़ी और हिन्द महासागर से घिरे एक द्वीप पर है. Rameshwaram Island तक का सफर खुद में यादगार है. रास्ते भर समुद्र के नज़ारे दिल खुश कर देते हैं.
Rameshwaram ट्रैन से कैसे पहुंचें?
अभी ट्रेनों का संचालन मंडपम तक हो रहा है, पुराने पंबन ब्रिज की स्थिति और नए ब्रिज के निर्माण के कारण. मंडपम से रामेश्वरम लगभग 20 किमी है.
मंडपम से लोकल परिवहन:
- गवर्नमेंट बस, ₹25 से ₹30 प्रति व्यक्ति
- ऑटो, ₹400 से ₹500
- प्राइवेट टैक्सी, हर समय उपलब्ध
सड़क मार्ग से Rameshwaram Mandir से कैसे पहुंचें?
मदुरै, तिरुचिरापल्ली और रामनाथपुरम जैसे शहरों से बस और टैक्सी आसानी से मिल जाती हैं. सड़क काफी स्मूद है, बीच-बीच में समुद्र के दोनों ओर के दृश्य यात्रा को और सुंदर बना देते हैं.
Rameshwaram Mandir के पास कहाँ होटल ले?
मंदिर के चारों तरफ होटल और धर्मशालाएं हैं. सबसे अच्छा विकल्प है कि आप मंदिर के पास, खासकर मंदिर के west gate के 100 से 200 मीटर के अंदर रुकें. यहां से मंदिर एंट्री नजदीक है और कई प्रमुख स्थलों तक पैदल पहुंचा जा सकता है.
| श्रेणी | औसत कीमत | क्या उम्मीद करें |
|---|---|---|
| बजट, नॉन एसी | ₹600 से | बेसिक कमरे, साफ-सफाई ठीक |
| कम्फर्ट, एसी(3 Star) | ₹1,000 से ₹2500 | बेहतर सुविधाएं, परिवार के लिए उपयुक्त |
| प्रीमियम(4-5 Star) | ₹3000 to ₹6000 | प्रीमियम सर्विस और लक्ज़री सुविधाएं |
- वीकेंड और छुट्टियों में रेट थोड़ा बढ़ जाते हैं.
- भीड़ के समय पहले से बुकिंग कर लेना बेहतर रहता है.
Rameshwaram Mandir में दर्शन करने का सही तरीका?
रामेश्वरम में दर्शन करने से पहले स्नान को बहुत ही महत्वपूर्ण बताया गया है. यहाँ पर अग्नि तीर्थम और परिसर में स्थित 22 पवित्र कुंडों में स्नान करना बहुत ही पवित्र माना जाता है.
- अग्नि तीर्थम में स्नान
- स्थान: पूर्व द्वार, गेट नंबर 1 के सामने
- मान्यता है कि यहां स्नान से पाप और रोगों से मुक्ति मिलती है. यहां श्रीराम और माता सीता ने भी स्नान किया था.
- 22 पवित्र कुंडों का स्नान
- प्रवेश: उत्तर द्वार से
- क्रम में स्नान कराएं. कई लोग सेवा के नाम पर ज्यादा चार्ज बताते हैं, तय दर लगभग ₹25 रखें.
- स्नान के बाद सूखे कपड़े बदलें.
- मुख्य मंदिर में प्रवेश और दर्शन
- मंदिर में चारों ओर से एंट्री है, किसी भी गेट से जा सकते हैं.
- मोबाइल ले जा सकते हैं, मगर गर्भगृह के पास फोटो और वीडियो कड़ाई से वर्जित है.
- विकल्प: सामान्य लाइन में फ्री दर्शन, या ₹100 का स्पेशल टोकन लेकर कम भीड़ में पास से दर्शन.
सुझाव:
- कई भक्त अपने साथ गंगाजल लाते हैं, यहां अभिषेक के लिए शुभ माना जाता है.
- विशेष पूजन और जलाभिषेक की व्यवस्था भी है, समय और शुल्क वहीं पूछें.
- गर्भगृह में शिवलिंग के दर्शन दीपक की रोशनी में होते हैं, अनुभव अत्यंत शांत और आध्यात्मिक लगता है.
Rameshwaram Mandir के आस पास घूमने की जगह
Rameshwaram Mandir में दर्शन के साथ सैर-सपाटा भी खास है. दो दिनों में प्रमुख स्थान आराम से कवर हो जाते हैं.
Day 1, धनुष्कोड़ी और आसपास
- दूरी: मंदिर से लगभग 22 किमी
- पहुंच: ऑटो लगभग ₹1,000, या शेयर बस जिनमें 5 से 6 पॉइंट कवर, ₹50 से ₹200 प्रति व्यक्ति
रास्ता बेहद सुंदर है, एक ओर बंगाल की खाड़ी, दूसरी ओर हिंद महासागर. फोटो खींचने के लिए यह ड्राइव परफेक्ट है.
धनुष्कोड़ी और रामसेतु
- मान्यता है कि नल और नील की सहायता से वानर सेना ने 5 दिन में समुद्र पर पुल बनाया.
- यहां से श्रीलंका की दूरी समुद्र मार्ग से लगभग 18 किमी रह जाती है.
- ऊपर से देखने पर पूरा क्षेत्र गिटार जैसा आकार बनाता दिखता है.
क्या करें:
- समुद्र के किनारे समय बिताएं, फोटोशूट कराएं.
- 1964 के चक्रवात के बाद उजड़े धनुष्कोड़ी गांव के अवशेष देखें, यहां कभी ट्रेन भी चलती थी.
- यह हिस्सा इतिहास और प्रकृति दोनों के प्रति आदर जगाता है.
- सूची में शामिल खास आकर्षण: Dhanushkodi Ramsetu.
कोथंडाराम मंदिर
यह छोटा द्वीपीय क्षेत्र है जहां राम जी ने विभीषण का राजतिलक किया था. मंदिर में शांतिपूर्ण दर्शन करें, बाहर बैठकर कुछ समय सुकून से गुजारें. यह जगह अपने आप में एक peaceful island setting देती है.
डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम हाउस और मेमोरियल
- हाउस म्यूजियम: रामेश्वरम में जन्मे भारत रत्न डॉ. कलाम का पैतृक घर अब संग्रहालय है. अंदर मोबाइल की अनुमति नहीं, बाहर फोटो ले सकते हैं.
- मेमोरियल: उनके जीवन और शोध पर विस्तृत प्रदर्शनी. यहां भी फोन अंदर नहीं ले जा सकते.
Day 2, बोटिंग, तीर्थस्थान और पंबन ब्रिज
सुबह अग्नि तीर्थम के पास बोटिंग से शुरुआत करें. टिकट लगभग ₹100 प्रति व्यक्ति. समुद्र से रामेश्वरम के नज़ारे मन मोह लेते हैं, तस्वीरें बेहतरीन आती हैं.
राम तीर्थम और लक्ष्मण तीर्थम
- राम तीर्थम, मंदिर से लगभग 700 मीटर, पैदल जा सकते हैं. मान्यता है कि श्रीराम ने लंका जाने से पहले यहां स्नान कर विश्राम किया. पास में पवित्र कुंड और मंदिर है.
- लक्ष्मण तीर्थम, थोड़ी दूरी पर, शांत वातावरण, कुंड और प्यारा सा मंदिर.
श्री पंचमुखी हनुमान और श्री नटराज मंदिर
- श्री पंचमुखी हनुमान मंदिर: काले स्वरूप में पंचमुखी हनुमान विराजमान. यहां आप रामसेतु के पत्थर भी देख सकते हैं जो पानी में तैरते हैं.
- श्री नटराज मंदिर: हनुमान मंदिर के सामने, सुंदर शिल्प और आकर्षक बनावट.
पंबन ब्रिज
पंबन ब्रिज रामेश्वरम को मंडपम से जोड़ता है. पहले पुराने ब्रिज से ट्रेनें चलती थीं, नया पंबन ब्रिज लगभग तैयार है और जल्द ही इस पर ट्रेनें चलेंगी. पंबन भारत के सबसे लंबी समुद्री रेलवे पुलों में शामिल है. रोड ब्रिज भी बहुत प्रसिद्ध है, बांद्रा वर्ली सी लिंक बनने से पहले इसे देश का सबसे लंबा सी ब्रिज माना जाता था. यहां से समुद्र के नज़ारे और ट्रैक की रेखा, दोनों एक फ्रेम में दिखते हैं. अपनी यादों के लिए यहां फोटो जरूर लें.
टिप: शाम को मुख्य मंदिर के दर्शन करें. रोशनी और शांति, दोनों मिलकर अनुभव को और सुंदर बना देते हैं.
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