crossorigin="anonymous">

Ram mandir ayodhya के कुछ ऐसे तथ्य जिसे सुन के आप चौंक जायेंगे

By Divyanshu Agnihotri

Share the News

Ram Mandir Ayodhya का शानदार उद्घाटन 22 जनवरी 2024 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया गया है.500 वर्षो के इंतज़ार के बाद आखिरकार प्रभु श्री राम टेंट से निकल के मंदिर में विराजमान हुए. राम मंदिर का भव्य प्राण प्रतिष्ठा की पूजा संपन्न हुई जिसे देखने अयोध्या काफी संख्या में लोग पहुंचे थे और प्रभु श्री राम के दर्शन किये.आज आपको इस आर्टिकल में हम बताएँगे राम मंदिर को बनाने में कुछ ऐसे तथ्य जिससे सुन के आप चौंक जायेंगे.

Ram Mandir Ayodhya डिज़ाइन और प्रयुक्त सामग्री

भव्य राम मंदिर को कुछ इस तरह से बनाया गया है की मंदिर एक हज़ार साल तक वैसा की वैसा टिका रहे.मंदिर में इस्तेमाल होने वाला मटेरियल एक टेस्ट से हो के गुजरा है जो की आईआईटी चेन्नई और सेंट्रल रिसर्च बिल्डिंग इंस्टिट्यूट द्वारा किया गया है.भगवन श्री राम के मंदिर को इतना अच्छे से डिज़ाइन किया गया है कि एक दिन में आराम से 50000 और उससे ज्यादा लोग दर्शन कर सकेंगे.ऐसा भी कहा जाता है कि इस मंदिर को बनाने से पहले देश के बड़े बड़े मंदिरों का इंस्पेक्शन किया गया रिव्यु किया गया ताकि सबसे विशाल मंदिर बन सके.

भव्य राम मंदिर को बनाने में स्टील और लोहे का इस्तेमाल बिलकुल भी नहीं किया गया है.बंसी पहाड़पुर गुलाबी बलुआ पत्थर इसका इस्तेमाल किया गया है जो की राजस्थान भरतपुर से लाया गया है.मंदिर के अंदर की जो जमीन है वहां पे ग्रेनाइट का इस्तेमाल किया गया है.दीवारों पे आकृति डिज़ाइन के लिए सफ़ेद मकराना पत्थर का इस्तेमाल किया गया है साथ ही रंग बिरंगे संगमरमर का इस्तेमाल किया गया है.

दरवाज़ा बनाने के लिए मजबूत सागौन की लकड़ी का इस्तेमाल किया गया है.मंदिर को बनाने के लिए विशेष ईटों का इस्तेमाल किया गया है जिसपे श्री राम लिखा हुआ है.और जो मटेरियल जो इस्तमाल किया गया है वो है शालिग्राम, तांबे की थालियां, सोना, अष्टधातु का इस्तमाल हुआ है.

राम मंदिर का मूल डिज़ाइन 1988 में अहमदाबाद के सोमपुरा परिवार द्वारा तैयार किया गया था.तब वो डिज़ाइन थोड़ा पुराना था लेकिन अभी इसको संशोधित करके आधुनिक संरचना के हिसाब से बनाया गया है.मंदिर एक भूकंप प्रतिरोधी संरचना है, जिसकी अनुमानित आयु 2500 वर्ष है.

Time Capsule Ram Mandir Ayodhya के नीचे

राम मंदिर के लगभग 2000 फीट नीचे एक टाइम कैप्सूल रखा गया है. कैप्सूल में एक तांबे की प्लेट है जिसमें राम मंदिर, भगवान राम और अयोध्या के बारे में प्रासंगिक जानकारी अंकित है.इसके अंदर राम मंदिर से संबंधित सारी जानकारी लिखी गई है, भगवान श्री राम से जुड़ी सारी जानकारी लिखी गई है या अयोध्या से जुड़ी सारी जानकारी देखने को मिल जाएगी।इस टाइम कैप्सूल का मुख्य उदेश्य ये सुनिश्चित करना है कि मंदिर की पहचान समय के साथ बरकरार रह सके या भविष्य के लोग इसको भूल ना जाए जैसे कि अब हो रहा था.

Ram Mandir Ayodhya की मूर्तियां और मंदिर के अंदर के घंटे

जिस किसी ने प्रभु श्री राम की मूर्ति देखी वो बस देखते ही रह गया इतनी अच्छी मूर्ति बनायीं गयी है.लेकिन आपको पता है ये मूर्ति किस ने बनायीं और किस किस धातु से बनी है राम मंदिर के अंदर की मूर्तियां ?कर्नाटक के अर्जुन योगीराज ने पांच साल के भगवान राम की मूर्ति बनाई है.राम मंदिर के अंदर कई खूबसूरत और भी मूर्तियाँ है इनमें से ज्यादातर मूर्तियां जो की नेपाल की गंडकी नदी से लाई गई 60 करोड़ वर्ष पुरानी शालिग्राम चट्टानों से बनी हैं.

एक विशाल घंटा जो कि मंदिर के मुख्य द्वार पर रखा गया है वो अष्टधातु से बनाया गया है .अष्टधातु यानि की आठ धातुएँ सोना, चांदी, तांबा, जस्ता, सीसा, टिन, लोहा और पारा.विशाल घंटा का भार 2100 किलोग्राम है.और घंटे की आवाज़ दूर तक सुन सकते है.इसको क्रेन से लाया गया था आपने रील या वीडियो देखा होगा.

Ram Mandir Ayodhya अगरबत्ती और ताला

एक बुजुर्ग दंपत्ति, सत्य प्रकाश शर्मा और उनकी पत्नी रुक्मिणी शर्मा ने 400 किलो का ताला बनाया. अलीगढ़ के निवासी, सत्य का हाल ही में निधन हो गया. उनकी इच्छा थी कि ताला राम मंदिर को उपहार में दिया जाए.108 फीट लंबी अगरबत्ती भी गुजरात से भेज दी गई है जो कि दुनिया सबसे विशाल अगरबत्ती है या इसकी खुशबू 50 किमी तक जाएगी.

Ram Mandir Ayodhya लड्डू और 9.5 फ़ीट का दिया

हैदराबाद के श्री राम कैटरिंग सर्विसेज द्वारा 1265 किलोग्राम लड्डू प्रसाद दान दिया। कैटरिंग सर्विसेज के मालिक है नागभूषणम रेड्डी.108 फीट लंबी अगरबत्ती भी गुजरात से भेजी गयी और जल रही है जो कि दुनिया सबसे विशाल अगरबत्ती है और इसकी खुशबू काफी किलोमीटर दूर तक जायेगी. इसी के साथ दुनिया का सबसे बड़ा दीपक भी जला दिया गया अयोध्या में जो पांच धातूओं से मिलके बनाया गया है जिसकी लम्बाई 9.5 फीट है या 21000 लीटर इसमे तेल डाला गया है 125 किलो कॉटन इस्तेमाल किया गया है.

HOMESTAY IN AYODHYA अयोध्या में कैसे बुक करे HOMESTAY

Kal Bhairav मंदिर -Banaras का प्राचीन मंदिर

Leave a Comment

Exit mobile version