Hadimba Devi Temple:-हिमाचल प्रदेश जिसका नाम सुनते ही खूबसूरत ऊँचे ऊँचे बर्फ से ढके पहाड़ और झरने मन में आता है.उसी हिमाचल के मनाली में पहाड़ियों से ढके एक काफी पुराना मंदिर है जिसका नाम है हडिम्बा देवी मंदिर.आज के इस आर्टिकल में आपको बताएंगे हडिम्बा देवी मंदिर के बारे में जो की काफी पुराना मंदिर है.
हडिम्बा देवी मंदिर जिसको हम डूंगरी मंदिर के नाम से भी जानते है ये हिमाचल प्रदेश के खूबसूरत शहर मनाली में स्थित है.यह मंदिर न सिर्फ अपने बनावट के लिए जाना जाता है बल्कि इसका इतिहास भी काफी पुराना और पांडवों से जुड़ा हुआ है.हर साल लाखों पर्यटक और भक्त यहाँ आते है और आशीर्वाद प्राप्त करते है.
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Hadimba Devi Temple का इतिहास
हडिम्बा देवी का इतिहास महाभारत से मिलता है वो राक्षस कुल की थी और हिडिम्ब की बहन थी.महाभारत के अनुसार जब पांडव अपने अज्ञातवास में थे तब तब वो घुमते हुए इस जगह आये और यहाँ भीम ने हडिम्ब को परास्त कर लिया था और फिर देवी हडिम्बा से विवाह कर लिया था.विवाह के बाद भीम और हडिम्बा का एक पुत्र हुआ जिसका नाम उन्होंने घटोत्कच रखा.हडिम्बा ने अपने पति के मृत्यु के बाद कठोर तपस्या की और फिर उसी तपस्या के बाद उन्हें देवी का दर्जा प्राप्त हुआ.
Architecture Of Hadimba Devi Temple
हडिम्बा देवी मंदिर की वास्तुकला अत्यंत अद्वितीय और विशिष्ट है.1553 में महाराजा बहादुर सिंह द्वारा निर्मित इस मंदिर का निर्माण पारंपरिक पगोडा शैली में किया गया है, जो हिमाचल प्रदेश के पारंपरिक मंदिरों की पहचान है.मंदिर चार मंजिला है, जिसकी ऊपरी तीन मंजिलें लकड़ी की बनी हैं और निचली मंजिल पत्थर की है.छतें शंक्वाकार हैं और लकड़ी की नक्काशी से सजी हैं, जो मंदिर को एक विशिष्ट और आकर्षक लुक प्रदान करती हैं.
मंदिर के प्रवेश द्वार पर लकड़ी पर बारीक नक्काशी की गई है, जिसमें देवी-देवताओं, पशुओं और पौराणिक कथाओं के चित्रण शामिल हैं.मंदिर के अंदर, हडिम्बा देवी की एक पत्थर की मूर्ति स्थित है, जो अत्यंत पवित्र मानी जाती है.मंदिर के चारों ओर देवदार के ऊंचे-ऊंचे पेड़ हैं, जो इस स्थान की प्राकृतिक सुंदरता को और भी बढ़ा देते हैं.
Hadimba Devi Temple का धार्मिक महत्व
हडिम्बा देवी मंदिर स्थानीय लोगों और पर्यटकों दोनों के लिए एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है.यहां आने वाले भक्त देवी हडिम्बा से आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए पूजा-अर्चना करते हैं.विशेष रूप से, नवरात्रि के दौरान यहां भव्य मेले और उत्सवों का आयोजन होता है, जिसमें दूर-दूर से लोग शामिल होते हैं.
हर साल मई महीने में हडिम्बा देवी का तीन दिवसीय मेला भी आयोजित किया जाता है, जिसे ‘ढुंगरी मेला’ कहा जाता है.इस मेले में स्थानीय लोक नृत्य, संगीत और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन होता है, जो यहां की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को दर्शाता है.इस मेले में देवी के सम्मान में बलि भी दी जाती है, जो स्थानीय परंपराओं का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है.
हडिम्बा देवी मंदिर कैसे पहुंचे?
देवी हडिम्बा के दर्शन करने के लिए सबसे पहले आपको मनाली आना पड़ेगा.अगर आप बस से आ रहे है तो मनाली के बस स्टॉप पे बस आपको उत्तर देगी वहां से आपको ऑटो मिल जाएगी जो आपसे 70-100 रुपये के बीच में लेंगे और आपको हडिम्बा देवी मंदिर छोड़ देंगे.
Stay Near Hadimba Temple
Hadimba Devi Temple ओल्ड मनाली में आता है और ओल्ड मनाली में आपको अच्छे बजट होटल के साथ साथ रिसोर्ट भी मिल जायेंगे. आपको ओल्ड मनाली में अच्छे हॉस्टल भी मिल जायेंगे.जो आपसे बैड के हिसाब से 400-500 रुपये लेंगे.
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