Mahakumbh Prayagraj:- महाकुंभ 2025 अपने अंतिम दौर में पहुंच चुका है और 26 फरवरी शिवरात्रि पे महाकुंभ समाप्त हो जायेगा. महाकुंभ जो न केवल भारत बल्कि पूरे विश्व का सबसे बड़ा धार्मिक मेला है. यह महापर्व 13 जनवरी से शुरू हुआ था और 26 फरवरी 2025 तक चलेगा. प्रयागराज की पावन भूमि पर त्रिवेणी संगम – गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती का मिलन होता है. इस आर्टिकल में हम जानेंगे कि आप महाकुंभ तक कैसे पहुँच सकते हैं, आपको कितना चलना होगा, यहाँ की सजावट, ठहरने की व्यवस्था, खाने-पीने का इंतज़ाम, और यहाँ के प्रमुख दर्शनीय स्थल कौन से हैं.
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कैसे पहुँचें Mahakumbh Prayagraj
प्रयागराज पहुँचने के लिए रेलवे और हवाई मार्ग का उपयोग सबसे बेहतर है. रेलवे ने इस महाकुंभ को देखते हुए 13,000 विशेष ट्रेनें चलाई हैं. आप प्रयागराज जंक्शन, रामबाग, या नैनी जैसी जगहों पर आसानी से पहुँच सकते हैं.अगर आप विमान से यात्रा करना चाहते हैं, तो हवाई सेवाएँ भी बढ़ा दी गई हैं.
Mahakumbh Prayagraj माहौल और सुरक्षा व्यवस्था
महाकुंभ के इस पावन पर्व पर प्रशासन ने विशेष तैयारियाँ की हैं. पूरे मेला क्षेत्र को 25 सेक्टरों में बाँटा गया है, जहाँ 44 घाट बनाए गए हैं. सुरक्षा के लिए 5 लाख से अधिक जवान तैनात हैं, जिसमें पुलिस, सेना और पैरामिलिट्री बल शामिल हैं. खासकर महिलाओं की सुरक्षा का बहुत ध्यान रखा गया है.
Mahakumbh Prayagraj में कितना पैदल चलना होगा?
प्रयागराज में संगम के चारो तरफ और शहर में जगह जगह पार्किंग बनायी गयी है. उसके बाद 3-4 किलोमीटर की पैदल यात्रा होती है, लेकिन कई बार ऐसा होता है की ज्यादा भीड़ होने की वजह से शहर के बाहर गाड़ियों को रोक दिया जाता है और लोगों को पैदल चलना पड़ता है. तो अगर आप महाकुंभ आ रहे है तो ये सोच के आएं आपको पैदल चलना होगा अगर भीड़ नहीं रही तो संगम के पास बनी पार्किंग तक गाड़ियां जाती है.
Mahakumbh Prayagraj स्नान और दर्शन का विशेष महत्व
महाकुंभ में स्नान का एक अद्भुत महत्व है. शाही स्नान को “अमृत स्नान” कहा जाता है. इस बार का पहला अमृत स्नान 14 जनवरी को मकर संक्रांति के दिन हुआ उसके बाद अन्य स्नान की तारीखें थी 29 जनवरी, 3 फरवरी, 12 फरवरी, और आखरी स्नान 26 फरवरी को हैं.
Mahakumbh Prayagraj में नाव कैसे मिलेगी
नाव आपको संगम में बोट क्लब से मिल जाएगी और अगर आप केवल स्नान करने आ रहे है तो नाव न ही ले तो अच्छा है क्यूंकि नाव वाले मनमाना किराया वसूल रहे है.
Mahakumbh Prayagraj में प्रमुख दर्शनीय स्थल
प्रयागराज में कई प्रमुख स्थान हैं जहाँ आप जाकर आस्था का अनुभव कर सकते हैं:
- अक्षय वट: पवित्र और अद्भुत वृक्ष.
- पातालपुरी मंदिर: अद्वितीय धार्मिक स्थल.
- बड़े हनुमान जी: यहाँ हनुमान जी विशेष रूप से विराजमान हैं.
- आदिशंकर विमान मंडपम: भव्य मंदिर जिसमें महादेव और विष्णु के दर्शन मिलते हैं.
- मनकामेश्वर मंदिर: यहां सभी मनोकामनाएँ पूर्ण होती हैं.
- चंद्रशेखर आज़ाद पार्क: एक ऐतिहासिक स्थल.
आप इन स्थलों के अतिरिक्त, मेला क्षेत्र में तैयार किए गए प्रदर्शनियों और डिजिटल शो का भी आनंद ले सकते हैं.
रुकने की व्यवस्था
महाकुंभ में रुकने के लिए कई विकल्प हैं. आप संत महात्माओं के शिविर में रुक सकते हैं या संगम क्षेत्र एवं नैनी साइट पर टेंट सिटी में मात्र ₹100 में बेड पा सकते हैं. अगर आप सुविधाजनक टेंट चाहिए, तो महाकुंभ की आधिकारिक वेबसाइट पर भी बुकिंग कर सकते हैं.
यदि आप होटल में ठहरना चाहते हैं, तो प्रयागराज जंक्शन के पास और रामबाग क्षेत्र में कई होटल उपलब्ध हैं लेकिन किराया आसमान छू रहा है.
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